राष्ट्रपति को एक साधारण परिवार का ख़त

दिल्ली से 1500 km दूर तेलंगाना के मशहूर शहर करीमनगर से इस परिवार ने 18 नवम्बर 2018 को राष्ट्रपति के नाम स्थानीय उपायुक्त के माध्यम से एक पत्र लिखा है जिसमें कहा है कि हरियाणा(हिसार) की जेल में एक ऐसे संत को बेहद षड्यंत्रकारी ढंग से रख कर अनजाने में ही सही लेकिन सरकार बहुत बड़ा अपराध कर रही है। गौरतलब है कि इसी दिन पूरे देश से राष्ट्रपति मोहदय के नाम पत्र भेजे गए हैं लेकिन ये पत्र बिल्कुल साधारण परिवार ने बिना किसी भारी भीड़ के अपने अंतर्मन से भेजा है जिसमे लिखा है कि सरकार जनता और संत के बीच जो खाई बना रही है उसमें सबसे पहले खाई खोदने वाले गिरेंगे। क्योंकि इस समय लोगों को इस विचारधारा की, नैतिकता की और इच्छा शक्ति की जरूरत है, जो इस संत ने लाखों लोगों के अंदर पैदा की । सरकार जरा से स्वार्थ के लिए कैसे जनता के साथ इतना बड़ा विश्वास घात कर सकती है? जनता में आत्मविश्वास खोता जा रहा है, लोग नास्तिकता की तरफ बढ़ रहे हैं, हमारा निवेदन है राष्ट्रपति मोहदय से की जनता के साथ इतना बड़ा विश्वास घात मत होने दीजिए। चूंकि आप भी किसी न किसी पार्टी की विचारधारा से प्रभावित हो सकते है, हो सकता है निर्णय लेने में असमर्थ महसूस करें। लेकिन लोगों के भविष्य के लिए ये बेहद जरूरी है। पूरा सिस्टम मिलकर एक संत के खिलाफ खड़ा दिखाई दे रहा है। मीडिया में खास तरह का असफल प्रोपगेंडा चलाया गया ताकि लोगों संत जी के प्रति नफरत पैदा की जा सके , जबकि जनता में उस संत के प्रति जो भाव और विश्वास है वो समझना बेहद जरूरी है। एक बार जनहित के लिए पूरे विश्व को संत रामपाल जी महाराज के विचारों से रूबरू होने का मौका दीजिये।
निवेदक-
हिंदुस्तान का एक साधारण परिवार जो केवल इस विश्व मे अमन और भाईचारे के साथ लोगों में एक नई जागृति देखना चाहता है।

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